अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

मुज़ारिबा 3

मुज़ारिबा 3

पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी
एल्बम: अहकाम (मामलात)

इस प्रोग्राम मे बताया गया है कि मुजारेबे के पैसो से जो काम कर रहा है उसेअपना कर्च उसी पैसो से नही चलाना चाहिए आखिर मे मुज़ारेबे की कुछ शर्तो को बयीन किया गया है।


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